Wednesday, January 22, 2025
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छत्तीसगढ़ / सुरक्षाबलों ने  29 नक्सलियों को किया ढेर, जंगल मे भारी मात्रा में हथियार बरामद, गृह मंत्रालय मुताबिक सूबे के 14 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव जिसमे महासमुंद का नाम भी शामिल है!

छत्तीसगढ़ / सुरक्षाबलों ने  29 नक्सलियों को किया ढेर, जंगल मे भारी मात्रा में हथियार बरामद, गृह मंत्रालय मुताबिक सूबे के 14 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव जिसमे महासमुंद का नाम भी शामिल है!

 

लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मंगलवार को भीषण मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई जिसमें 29 नक्सली मारे गए हैं। हमले में 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली कमांडर शंकर राव के भी मारे जाने की खबर है। इसके साथ ही तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।

कांकेर जिले में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले थाना छोटेबेटिया क्षेत्रांतर्गत बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल (थाना छोटेबेटिया लगभग 14-15 किमी) में डीआरजी एवं बीएसएफ की संयुक्त पार्टी और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई, जिसमें 29 नक्सली मारे जाने की खबर सामने आई है। हमले में 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली कमांडर शंकर राव के भी मारे जाने की खबर है।

बीएसएफ के इंस्पेक्टर समेत दो जवान घायल
मुठभेड़ में बीएसएफ के इंस्पेक्टर समेत दो जवान घायल हो गए हैं। इंस्पेक्टर के पैर में गोली लगी है, जबकि कॉन्स्टेबल को सामान्य चोट आई है। जवानों ने 10 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं। कांकेर जिले के एसपी आईके एलेसेला ने जानकारी देते हुए कहा कि छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के जंगलों में अभी भी मुठभेड़ चल रही है। मुठभेड में कई नक्सलियों के मारे जाने और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। क्षेत्र में सर्चिंग अभियान जारी है। मुठभेड़ में तीन जवान घायल हो गए हैं। घायल जवानों की स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर है। घायल जवानों को बेहतर उपचार के लिए आवश्यक इंतजाम किया जा रहा है।

बीजापुर में 10 दिन पहले 13 नक्सली हुए थे ढेर
बीजापुर जिले के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 13 नक्सलियों को मार गिराया था। यही नहीं लगभग इतनी ही संख्या में नक्सली बुरी तरह से घायल भी हुए थे। गंगालूर थाना क्षेत्र के लेंड्रा में दो अप्रैल को हुए मुठभेड़ में 13 में से 11 नक्सली की पहचान हुई थी। इसमें पीएलजीएस कंपनी दो के सुखराम हेमला, हूंगा परसी, लक्खू कोरसा, डिवीसीएम सीतक्का (जितरू , डीवीसी की पत्नी), दुला कुहराम, सोनू अवलम, सुदरू हेमला, चैतु पोटाम, लच्छू कड़ती, लक्ष्मी ताती व कमली कुंजाम के रूप में हुई थी।

हाल ही में हुई थी उच्च स्तरीय बैठक
छह दिन पहले दो दिवसीय दौरे पर गृहसचिव अजय कुमार भल्ला और आईबी के डायरेक्टर तपन कुमार डेका पहुंचे थे। उन्होंने बैठक ली। बैठक में 10 राज्यों के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी भी ऑनलाइन शामिल हुए थे। साथ ही बैठक में शांतिपूर्ण लोकसभा चुनाव और नक्सल इलाकों में रणनीति को लेकर चर्चा की गई है।

वहीं, इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर नक्सल मोर्चो में आगे कई खुफिया ऑपरेशन की रणनीति बनाई गई। साथ ही खुफिया सूचना पर कश्मीर की तरह टारगेट बेस ऑपरेशन लॉन्च करने पर बात की गई थी। कांकेर में मुठभेड़ का असर सीधे तौर पर दिख रहा है।

सूबे के 14 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव

छत्तीसगढ़ दूसरा सबसे नक्सली प्रभावित राज्य है. गृह मंत्रालय के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 14 जिले- बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनंदगांव, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली नक्सल प्रभावित हैं. आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में पिछले काफी दिनों से कमी नहीं आ रही है. देखा जाए तो सूबे में हर साल औसतन साढ़े तीन सौ से ज्यादा नक्सली हमले होते हैं. इनमें हर साल औसतन 45 जवान शहीद हो जाते हैं.!

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