टीकाकरण से कुक्कुर खांसी नामक बीमारी से बचाओ संभव है
डॉक्टर अमित अग्रवाल ने बताया की कूकर कास या कूकर खांसी या काली खांसी व्हूपिंग कफ़ जीवाणु का संक्रमण होता है जो कि आरंभ में नाक और गला को प्रभावित करता है। यह प्रायः २ वर्ष से कम आयु के बच्चों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। इस बीमारी का नामकरण इस आधार पर किया गया है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय भौंकने जैसी आवाज करता है। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु व्यक्तियों के बीच श्वसन क्रिया से निष्कासित जीवाणु से फैलती है। यह तब होता है जब संक्रमण युक्त व्यक्ति खांसते या छींकते हैं। यह संक्रमण युक्त व्यक्तियों के शारीरिक द्रवों से संपर्क होने से भी फैलता है जैसे नाक का पानी गिरना।
इसके लक्षणों में छींकना, आंखों से पानी आना, नाक बहना, भूख कम होना, ऊर्जा का ह्रास होना और लगातार खांसते रहना और इसके बाद भौंकने जैसी आवाज आना तब जबकि बीमार व्यक्ति सांस लेने का प्रयास करता है|
इस बीमारी को ध्यान न देने पर बड़ी बीमारी का रूप ले सकती है पर टीकाकरण से इस बीमारी से बचाओ संभव है अग्रवाल नर्सिंग होम बसना में इस बीमारी का मेडिसिन से सफल इलाज किया जा रहा है |
देखें इस बीमारी के लक्षण –