महासमुंद / धान क़े जगह अन्य फसल लेने मुनादी क़े आदेश,भुजल की स्थिति चिंताजनक अंधा धुन दोहन से स्थिति बेहद खराब
महासमुंद जिले क़े चारो ब्लाक क़े भुजल की स्थिति बेहद खराब है इस संबंध मे कलेक्टर ने आदेश जारी कर गर्मी मे धान की जगहे अन्य फ़सल लेने क़े लिए बढ़ावा देने कहा गया है
जिला महासमुंद में विगत वर्ष रबी 2023-24 में 35120.
40 हेक्टर में ग्रीष्मकालीन धान की खेती की गई थी। जिसके स्थान पर गेहूं, मक्का, रागी,
दलहन, तिलहन एवं सब्जी जैसी फसले लेने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में
विकासखण्ड महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना एवं सरायपाली में घटते हुए जल स्तर की
दृष्टि से सेमीक्रिटिकल स्टेज में आ गये है। भूमिगत जल का अधिकांश भाग ग्रीष्मकालीन धान हेतु अंधाधुंध दोहन किया जाता
है, जिससे भविष्य में जल संकट की स्थिति निर्मित होगी। राज्य एवं जिला स्तर पर इस दिशा में
ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित कर गेहूं, मक्का, रागी, दलहन, तिलहन एवं सब्जी जैसी फसले
लेने हेतु कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है। कृषि उद्यानिकी, पंचायत
विभाग के अधिकारी / कर्मचारियों के साथ ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के सक्रिय सहभागिता
से इस कार्य में आशातीत सफलता प्राप्त की जा सकती है।
इस परिपेक्ष्य में कृषको के मध्य ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर गेहूं, मक्का, रागी.
दलहन, तिलहन एवं सब्जी जैसी फसले लेने हेतु अपने अधीनस्थ अमले के द्वारा प्रत्येक ग्राम के
कोटवार से मुनादी कराना निर्देशित करने का कष्ट करेंगे