Thursday, November 21, 2024
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महासमुंस / गाँव और आसपास के लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है। इस व्यवसाय से उन्हें प्रति माह 8000 से 10,000 रुपये की आय प्राप्त होने लगी आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना से सशक्त बनी माधुरी !

महासमुंस / गाँव और आसपास के लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है। इस व्यवसाय से उन्हें प्रति माह 8000 से 10,000 रुपये की आय प्राप्त होने लगी आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना से सशक्त बनी माधुरी !

 

महासमुंद 5 अक्टूबर 2024/ महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए केन्द्र और राज्य शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है एवं उनके उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है। महिलाओं को उनकी आय एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाना शासन का मुख्य उद्देश्य है। आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना उन्हीं योजनाओं में से एक है जिसके द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं स्वावलंबी बनाया जा रहा है।

ग्राम घोंच तहसील पिथौरा की रहने वाली श्रीमती माधुरी बरिहा आदिवासी महिला हैं। जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। उन्होंने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति महासमुंद द्वारा आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत फैंसी स्टोर्स व्यवसाय हेतु 2 लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया। ऋण प्राप्त करने के बाद श्रीमती माधुरी बरिहा ने एक छोटा सा फैंसी स्टोर्स खोला। शुरुआती दिनों में उन्हें फैंसी स्टोर के संचालन में कुछ दिक्कतो का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से उन्होंने इन बाधाओं को पार किया। उनके स्टोर में कॉस्मेटिक सामान और अन्य घरेलू उपयोग की चीज़ें उपलब्ध हैं, जिन्हें गाँव और आसपास के लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है। इस व्यवसाय से उन्हें प्रति माह 8000 से 10,000 रुपये की आय प्राप्त होने लगी है। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। माधुरी फैंसी स्टोर के माध्यम से न केवल आय अर्जित कर रही है बल्कि ऋण की किस्त भी नियमित रूप से जमा कर रही है।

आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना ने उन्हें न केवल वित्तीय सहायता प्रदान की, बल्कि अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर भी दिया।
उल्लेखनीय है कि आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना पात्र अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए एक विशेष रियायती योजना है। जिसमें राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से आवश्यकता के आधार पर ऋण दिए जाते हैं। लाभार्थियों को एनएसटीएफडीसी के पात्रता मानदंडों को पूरा करना पड़ता है।

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