महासमुंद बसना / रसोड़ा स्कूल के शिक्षिका के जाती प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत कर्ता ने छान बिन समिति विभाग पर आरोप लगाया है?
छत्तीसगढ़ मे सालो से फर्जी जाती प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालो के खिलाप अभी तक सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों मे फर्जी जाती प्रमाण पत्र बनवाकर सरकारी नौकरी करने वालो पर छत्तीसगढ़ सरकार के पास फर्जी जाती प्रमाण पत्र को लेकर एक अलग से छान बिन समिति भी बनाई है ताकि ऐसे लोगो जाती प्रमाण पत्र जाँच कर कार्यवाही हो सके छान बिन समिति के पास फर्जी जाती प्रमाण पत्र लेकर नौकरी करने वाले और जाती प्रमाण पत्र संदेहासपद को लेकर कई सारी शिकायते है लेकिन अभी तक बहुत ही कम मामलो मे कार्यवाही होते देखा जा सकता है बाकी लोग सालो से फर्जी जाती या संदेहासस्पद प्रमाण पत्र के सहारे ही नौकरी कर रहे है और सरकार से मनमाने ढंग से वेतन ले रहे है!
ऐसा ही एक है मामला महासमुंद जिले के बसना विधानसभा अंतर्गत है तत्कालीन उच्च माध्यमिक विधालय रसोड़ा का जहाँ शिक्षिका के रूप मे पदस्थ श्रीमती विभा नाग पती साइमन पिटर है विभा नाग ग्राम जगदीश निवासी है जो की इनकी शिकायत एक आर टी आई कार्यकर्ता लव कुमार पटेल ने किया है लव कुमार पटेल ने शिक्षिका श्रीमती विभा नाग की की जाती प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत जाती प्रमाण पत्र सत्यपान समिति को किया गया था,जाँच समिति द्वारा उभय पक्ष के सुनवाई का अवसर दिया तथा हल्का पटवारी एवं तहसीलदार से प्राप्त जांच प्रतिवेदन उपलब्ध दस्तावेज वर्ष 1929-30 के मिसल रिकार्ड खसरा बी 1 के परिक्षण के उपरांत श्रीमती
विभा नाग की जाती गोंड ( अ ज जा ) होना सन्देहॉस्पद पाया गया है समिति द्वारा प्रकरण को उच्च स्तरीय जाती प्रमाण पत्र छान बिन समिति रायपुर को आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र प्रेसित किया गया है यह कार्यवाही के लिए पत्र 30,12 ,2019 को भेजा गया था लेकिन आज तक इस संबंध मे किसी भी प्रकार की ठोस कार्यवाही करते विभाग नजर नहीं आ रहा है और ना ही शिकायत कर्ता को इस संबंध मे संतुष्टि जनक जवाब दिया जा रहा है!
जबकी इस मामले मे शिकायत कर्ता 2022 मे दोबारा शिकायत कर इस मामले मे जाँच की मांग किया है लेकिन शिकायत कर्ता के अनुसार ठोस जाँच कार्यवाही नहीं कर रहा है विभाग का रवैया को जाँच को लेकर उदासीन रवैया अपना जा रहा है!